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दोनों हेलिकॉप्टर देखेंगे


आज गाँव से शहर जाने वाली सड़क पर गंगाराम का टेंपू यूं दौड़े जा रहा था मानों बर्फ पर फिसल रहा हो। सड़क के सारे खड्डे रातों रात ही गायब हो गए थे। टेंपू तो मानों आज हवा से बातें करने की फिराक में था। पीछे लटक रहे लाधू से जब रहा नहीं गया तो बगल से सर अंदर घुसा चलते टेंपू में गंगाराम से पूछ ही लिया " के बात भाई ! कल तक तो गाँव की सड़क पूरी टूटी पड़ी थी, पैदल चलना भी मुश्किल था....ये रात भर में ही के हो गया इसने...........हैं भाई गंगाराम।"

"तू रहता कहाँ है रे लाधू ? तेरे को पता नहीं क्या अपने गाँव के पूर्व विधायक जी का कल रात स्वर्गवास हो गया है। पूरे सौ साल का होकर मरा है। आज दोपहर को गाँव के शमशान घाट पर बड़ी भीड़ जुटेगी। देख तो सही चारों तरफ कितने पुलिस वाले खड़े हैं। सरकार के सभी मंत्री आएंगे और सुना हैं हेलिकॉप्टर भी आयेगा। मैं तो वापस आकर नज़दीक से हेलिकॉप्टर देखूंगा.......तू आज कहाँ जा रहा हैं ? भाई ! आज तन  कोई मजदूरी नहीं मिलने वाली। पार्टी के लोगों ने बाजार बंद के पर्चे बँटवाए हैं। तू मेरे साथ ही वापस लौट आना...........दोनों हेलिकॉप्टर देखेंगे.....समझा ! "

टेंपू में सवार कुछ लोग पुलिस की गाडियाँ गिने जा रहे थे। सभी लोगों के चेहरों पर बरसों बाद गाँव की सड़क सुधरने की जो खुशी थी उसे देख कर लाधू आज कोई काम नहीं मिलने की पीड़ा को छुपाने का झूठी कोशिश कर रहा था।
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